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“महान ऋषियों की धरती पर आप सबका स्वागत है। बुद्ध की धरती पर आप सबका स्वागत है। मैं यहां पर किसी देश नहीं, बल्कि एक सभ्यता के प्रतिनिधि के रूप में खड़ा हूँ। यह विश्व की सबसे प्राचीन जीवंत संस्कृति है जो कि समय की कसौटी पर खड़ी उतरी है। हमने अपने आध्यात्मिक मूल्यों के आधार पर वर्षों तक विश्व का मार्गदर्शन किया है। सत्य संभाषण करने वाले विश्व के किसी भी कोने के लोग हमारे प्राचीन शाश्वत ज्ञान से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। आज आप दुनिया के विभिन्न भागों से पधारे अधिकांश लोग प्रश्न कर सकते हैं कि ‘‘भारत का दर्शन क्या है?’’ भारत में कोई एक दर्शन नहीं है बल्कि विश्व को देने के लिए इसके पास बहुत से दर्शन हैं। विश्व के अनेक भागों से सदियों तक लोग हमारे दर्शन को समझने के लिए आते रहे। बदले में हमने उनके दर्शन और संस्कृतियों को सीखा है। हमने विश्व के विभिन्न भागों से पधारे लोगों के संपर्क में आकर अपनी ज्ञान—सपंदा को अधिक संपन्न बनाया है। हमारी संस्कृति विभिन्न मतों को सम्मान देती है। यहां विविधता को इसकी शक्ति मानी जाती है न कि कमजोरी। एक ही सत्य के प्रति विभिन्न दृष्टिकोण अपनाने से हमारा दर्शनशास्त्र संपन्न हुआ है। चार वेद, महाभारत, रामायण और उपनिषदों जैसे हमारे प्राचीन भारतीय ग्रंथों में आत्मा संबंधी विमर्श है जो कि हम सभी में विद्यमान है। विश्वभर से पधारे हुए चिंतकों का ध्यान मैं एक बात की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ कि भारत को वे न केवल एक आध्यात्मिक देश के रूप में देखें बल्कि इसे भौतिक रूप से सफल एक देश के रूप में भी देखें। हम व्यक्ति के परिपूर्ण संपन्नता की बात करते हैं। हम दोनों — भौतिक उन्नति यानी अभ्युदय और आधत्मिक उन्नति यानी नि:श्रेयस चाहते हैं। भौतिक उन्नति का आधार धर्म होना चाहिए। धर्म हमें जीवन के हर कदम पर मार्गदर्शन करता है। यह एक ऐसी शक्ति है जो हमें एक साथ बनाए रखती है और व्यक्ति सत्य पहुंचने के लिए मार्गदर्शन करती है। मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैं जीवनभर धर्म का अनुसरण एक महान पुस्तक के आधार पर करते रहा — चाणक्य प्रणित कौटिल्य का अर्थशास्त्र। ये हमारे देष के महान दार्शनिकों में से एक थे। उन्हें हमें ज्ञान दिया है कि सुख धर्म से मिलता है — सुखस्य मूलम् धर्म। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप अपने देश धर्म के इस संदेश को ले जाएं।”

Radhakrishnan Pillai, Chanakya in You (Hindi) (1)
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Chanakya in You (Hindi) (1) (Hindi Edition) Chanakya in You (Hindi) (1) by Radhakrishnan Pillai
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