anand  pathak

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मुन्नू को एकाएक यह अनुभव हुआ कि जीवन में जब कभी उसने हाथ-पाँव मारे, जब कभी उसने किसी प्रकार की क्रियाशीलता प्रकट की, तब उसे कोई-न-कोई सहारा अवश्य मिल गया।
Kuli
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