मुसलमान–मुसलमान में जैसी एकता होती है, वैसी एकता हिन्दू–हिन्दू अथवा ईसाई–ईसाई के बीच नहीं हो पाती। अपने अनुयायियों पर जैसा कठिन नियन्त्रण इस्लाम का है, वैसा और किसी धर्म का नहीं। मार्गी–धर्म को इस्लाम ने दुनिया से नेस्तनाबूद कर दिया। ईसाई और हिन्दू–धर्म के अनुयायियों में से भी बहुतों को उसने फोड़कर अपना बना लिया। किन्तु, यही बात मुसलमानों के बारे में नहीं कही जा सकती। बहुत कम ऐसे मुसलमान होंगे, जो अपना धर्म छोड़कर अन्य धर्मों में गए होंगे।