Abhishek Anand

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मैक्समूलर इसी बर्नाफ़ का शिष्य था, जिसने सायण के भाष्य पर तीस वर्ष तक काम किया और उसके बाद, वेदों पर उसका जो भाष्य प्रकाशित हुआ, उससे यूरोप–समेत भारत के सभी विद्वान् चकित रह गए।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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