Abhishek Anand

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शक्ति की शक्तियाँ दो हैं; एक विद्या, जो चेतना उत्पन्न करती है अविद्या, जो माया-शक्ति का प्रतीक है। इसी माया-शक्ति के द्वारा एक अनेक बनता है, अनन्त सान्त का आकार ग्रहण करता है और जो अनादि तथा निराकार है, वह भूत, जीवन और मन के रूप में प्रकट होता है।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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