Abhishek Anand

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हिन्दुत्व के कट्टर पक्षपाती थे और वर्णाश्रम–धर्म की किंचित् भी अवज्ञा उन्हें पसन्द नहीं थी। वे वैदिक धर्म के अनुष्ठानों में पूरी श्रद्धा रखते थे तथा धर्म–परिवर्तन की तो बात ही क्या, वे शूद्रों द्वारा यज्ञोपवीत धारण करना भी नहीं सह सकते थे।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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