संस्था का एक उद्देश्य यह भी माना गया कि पूर्वी देशों में धर्म और ज्ञान के जो तत्त्व छिपे हुए हैं, उनका सम्यक् प्रचार पाश्चात्य देशों में किया जाना चाहिए। इस प्रकार, वेद, बौद्ध ग्रन्थ, जेन्दावेस्ता और कन्फ्यूशियस के उपदेश, ये सभी साहित्य थियोसोफ़िस्टों के विशेष अध्ययन के विषय बन गए।