Abhishek Anand

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आठ प्रकार के अहंकार भी त्याज्य बताए गए हैं। ये हैं-(1) अपनी बुद्धि का अहंकार, (2) अपनी धार्मिकता का अहंकार, (3) अपने वंश का अहंकार, (4) अपनी जाति का अहंकार, (5) अपने शरीर या मनोबल का अहंकार, (6) अपनी चमत्कार दिखानेवाली शक्तियों का अहंकार, (7) अपने योग और तपस्या का अहंकार तथा (8) अपने रूप और सौन्दर्य का अहंकार।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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