ईरानी लोग ‘स’ का उच्चारण ‘ह’ करते थे, अतएव, ‘सिन्धु’ को उन्होंने ‘हिन्दु’ कहा। इसी विकृति से आगे चलकर हिन्दू और हिन्दुस्तान, दोनों शब्द निकले। यूनानियों के मुख से ‘ह’ के बदले ‘अ’ निकलता था, अतएव, हिन्दू को उन्होेंने इन्दो (Indo) कहना शुरू किया। इसी दूसरी विकृति से ‘इंडिया’ नाम निकला है। इटली के कवि वर्जिल ने इंडिया के बदले केवल ‘इन्द’ लिखा है और मिलटन ने भी भारत का नाम ‘इंड’ ही लिखा है।