Abhishek Anand

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20 अगस्त, सन् 1828 ई. को उन्होंने ब्राह्म–समाज की स्थापना कलकत्ते में की। इस समाज का रूप, निर्विवाद रूप से, भारतीय था और भारतीय परम्परा में कहें तो कह सकते हैं कि यह अद्वैतवादी हिन्दुओं की संस्था थी।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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