Abhishek Anand

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क्योंकि विश्व के सभी मनुष्यों को साधना और तपस्या में लगाना असम्भव है, इसलिए, अरविन्द ने अपने तथा अपने आश्रमवासी शिष्यों के ऊपर यह भार रखा कि वे साधनापूर्वक दिव्य जीवन को पृथ्वी पर अवतरित होने को बाध्य करें।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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