इस्लाम ही ऐसा धर्म है जिसका विषय केवल व्यक्ति नहीं, सारा समाज है अथवा जो व्यक्ति के सभी आचारों का निर्धारण करता है। कुरान में केवल वैयक्तिक धर्म की ही बातें नहीं हैं, प्रत्युत, उसमें मनुष्य-मनुष्य के विविध सम्बन्ध, राजनैतिक बर्ताव, न्याय, शासन, सेना-संगठन, विवाह, तलाक, शान्ति, युद्ध, कर्ज, सूदखोरी, दान आदि के सम्बन्ध में भी धार्मिक उपदेश हैं, जिनका पालन धार्मिक नियमों के समान ही आवश्यक माना जाता है।