Abhishek Anand

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मौलाना अबुल कलाम आज़ाद मौजूद थे और कांग्रेस–संगठन में उनका वह स्थान था जो केवल महात्मा गांधी के ही नीचे था। इस्लामी दर्शन और इस्लामी साहित्य की दृष्टि से देखें तो मौलाना आज़ाद का स्थान बिलकुल बेजोड़ था। उनके समान शुद्ध मुसलमान और इस्लाम का प्रबल व्याख्याता बीसवीं सदी में कोई और हुआ है या नहीं, इसका निर्णय आसानी से नहीं किया जा सकता।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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