Abhishek Anand

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मेरा जन्म द्विजाति–कुल में नहीं हुआ, न मैं चारों वेदों का जाननेवाला हूँ। मैं अपनी इन्द्रियों को भी नहीं जीत पाया हूँ। इस कारण, हे भगवान्! मुझे तुम्हारे प्रकाशमान चरणों के अतिरिक्त अन्य किसी भी शक्ति का भरोसा नहीं है।’’ ऐसे भाव आलवारों के थे।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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