Abhishek Anand

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सांख्य से शाक्त-दर्शन का एक बड़ा भेद इस बात को लेकर है कि सांख्य दर्शन में प्रकृति जड़ एवं पुरुष चेतन है अर्थात् नारी जड़ तथा नर जीवन्त है। किन्तु शाक्त-मत में जड़ता का आरोप नर (शिव) पर किया गया है, चेतना उसमें शक्ति (नारी) की चालना से उत्पन्न होती है।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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