Abhishek Anand

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सहजयान ने नर और नारी को कृष्ण और राधा का प्रतीक मान लिया और साधक–साधिका का शारीरिक मिलन भी राधा–कृष्ण के मिलन का प्रतीक माना जाने लगा।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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