Abhishek Anand

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जो समाजी केशवचन्द्र के विरोधी थे, उन्होंने अपने समाज को साधारण ब्राह्म–समाज कहना आरम्भ किया और केशवबाबू ने जो सभा अपने साथ रखी, उसका नाम उन्होंने नव–विधान–सभा कर दिया।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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