Abhishek Anand

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उसके अत्याचार से घबराकर बहुत-से विद्वान् अपनी किताबें लिये हुए कैरो और स्पेन की ओर भागे। विद्वानों की इसी भाग-दौड़ से यूरोप में विद्या की वह लहर उठी, जिसे हम सांस्कृतिक जागरण अथवा रिनासाँ कहते हैं।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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