Abhishek Anand

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महर्षि देवेन्द्रनाथ के समय में आकर ब्राह्म–समाज अपनी जड़ (हिन्दुत्व) से दूर जाने लगा और केशवचन्द्र के समय में तो वह हिन्दुत्व से इतना अलग और ईसाइयत के इतना समीप जा पहुँचा
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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