Abhishek Anand

51%
Flag icon
रामानुज ने आलवारों के इस मुक्त संस्कार को वर्णाश्रम के नियन्त्रणों से कैसे मिलाया, यह भी देखने योग्य है। उन्होेंने ज्ञान, कर्म और भक्ति को तो द्विजों के लिए विहित बताया, किन्तु प्रपत्ति का द्वार सबके लिए उन्मुक्त कर दिया।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
Rate this book
Clear rating