Abhishek Anand

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औरतों से राय लेना ठीक है, लेकिन, आचरण हमेशा उसके विपरीत करना चाहिए...नबी ने कहा है, औरत की रचना छाती की टेढ़ी हड्डी से की गई थी। इसलिए, तुम औरत को अगर झुकाना चाहोगे तो वह टूट जाएगी और स्वतन्त्र छोड़ोगे तो वह और भी टेढ़ी हो जाएगी। इसलिए उचित है कि उसके साथ नरमी से पेश आओ।’’
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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