सन् 1858 ई. में सर सैयद ने अंग्रेजों को इसलिए भी फटकारा था कि सेना में अंग्रेजों ने हिन्दू और मुस्लिम रेजिमेंट अलग–अलग क्यों नहीं रखे कि हिन्दू बागियों को मुस्लिम और मुस्लिम बागियों को हिन्दू सेना तबाह कर देती। क्यों उन्होंने हिन्दुओं और मुसलमानों को एक ही रेजिमेंट में रखकर उन्हें दोस्त बनने का मौका दिया?