Abhishek Anand

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मध्यकालीन भारत में भी वीर–शैव–सम्प्रदाय इसी उद्देश्य को लेकर चला था, जिसका परिणाम यह हुआ कि संन्यास का आदर्श इस सम्प्रदाय के गृहस्थों का भी आदर्श हो गया।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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