Abhishek Anand

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नीत्शे की कल्पना का महामानव फ़ासिस्ट कहा जाएगा, किन्तु, इक़बाल की कल्पना का महामानव किसी–न–किसी प्रकार का प्रजातन्त्रीय मनुष्य है। हाँ, इतना इज़ाफ़ा हम और कर सकते हैं कि वह मुसलमान होगा, क्योंकि पाश्चात्य ढंग की प्रजा–सत्ता इक़बाल को पसन्द नहीं थी।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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