Abhishek Anand

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मूल में संसार के सभी धर्म एक हैं, क्योंकि सबका आरम्भ इसी जिज्ञासा से हुआ है कि मनुष्य की किस्मत का मालिक कौन है, आदमी की रूह किस बड़ी रूह से मिलने को बेकरार है, जन्म के पूर्व आदमी कहाँ था और मरने के बाद वह कहाँ जाएगा।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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