Abhishek Anand

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बात यह है कि कार्यकारी मनुष्य (एक्ज़िक्यूटिव मैन) वैचारिक (रेफ्लेक्टिव) मनुष्य से बहुत आगे निकल गया है। आवश्यकता इस बात की है कि जीवन के आध्यात्मिक मूल्य और उसकी गहनता में वृद्धि लाई जाए।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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