Abhishek Anand

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‘बुद्धि उपयोगी है’, यह जीवन सत्य है; संसार की उपेक्षा सिखानेवाला धर्म, धर्म नहीं है’; इन बातों को सर सैयद के समान शिबली भी कबूल करते थे। किन्तु बुद्धि के फेरे में पड़कर धर्म की अलौकिक बातों का खंडन करने को वे तैयार नहीं थे।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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