Abhishek Anand

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जितना धार्मिक संस्कार अनेक अन्य देशों के लोग जीवन भर साधना करके प्राप्त करते हैं, उतना संस्कार यहाँ के अशिक्षित व्यक्ति को भी, बहुधा, पैतृक उत्तराधिकार के रूप में, आप–से–आप, प्राप्त हो जाता है।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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