अलीगढ़ का मुस्लिम कॉलेज, ढाका विश्वविद्यालय (स्थापित 1920 ई.), कलकत्ते का इस्लामिया कॉलेज (स्थापित 1921 ई.) तथा वैसी अन्य अनेक संस्थाएँ सर सैयद के दर्शन का केन्द्र बन गईं और वहाँ से पढ़कर निकलनेवाले अधिकांश नौजवान सर सैयद के सिद्धान्तों के मूर्तिमान रूप बन गए।