Abhishek Anand

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स्वामीजी ने छुआछूत के विचार को अवैदिक बताया और उनके समाज ने सहस्रों अन्त्यजों को यज्ञोपवीत देकर उन्हें हिन्दुत्व के भीतर आदर का स्थान दिया। आर्य–समाज ने नारियों की मर्यादा में वृद्धि की एवं उनकी शिक्षा–संस्कृति का प्रचार करते हुए विधवा–विवाह का भी प्रचलन किया। कन्या–शिक्षा और ब्रह्मचर्य का आर्य–समाज ने इतना अधिक प्रचार किया
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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