Abhishek Anand

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आर्थर शापेनहार को इसी अनुवाद की प्रति मिली थी, जिसे पढ़कर वह विस्मय–विमुग्ध हो गया था और उपनिषदों की विचारधारा की भूरि–भूरि प्रशंसा
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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