Abhishek Anand

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1809 ई. में रंगपुर के कलक्टर के दीवान हो गए। बाद में, वे किसी नाबालिग जमींदार के मैनेजर नियुक्त किए गए और सन् 1815 ई. में उन्होंने नौकरी से अवकाश ग्रहण कर लिया।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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