Abhishek Anand

97%
Flag icon
सन् 1937 ई. के चुनाव में तो मुस्लिम जनता ने यह स्पष्ट बतला दिया कि मुस्लिम लीग मुसलमानों की प्रतिनिधि–संस्था नहीं है।8 हाँ चुनाव के कुछ महीने बाद, जब कई प्रान्तों में कांग्रेस की सरकारें बन गईं, तब उस मौके से मुस्लिम लीग ने बहुत लाभ उठाया, और अन्त में वह मुसलमानों को इस बहकावे का शिकार बनाने में समर्थ हो गई कि हिन्दुओं के बहुमत–राज से मुसलमानों का सम्पूर्ण विनाश हो जाएगा।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
Rate this book
Clear rating