Abhishek Anand

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गीता के प्रवृत्ति-विषयक रूप को निकाल बाहर करके उसे निवृत्ति–मार्ग का साम्प्रदायिक रूप शांकर भाष्य के द्वारा ही मिला है।’’
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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