Abhishek Anand

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रामानुज ने मोक्ष का अर्थ ब्रह्म में विलीन होने की अवस्था को नहीं बताया। उनका कहना है कि मोक्ष उस व्यक्ति को मिलता है जो इस जीवन में भक्ति की साधना को पूर्ण कर चुका है। ऐसे भक्त मृत्यु के बाद एक अन्य शरीर प्राप्त करते हैं तथा अनन्त काल तक वैकुंठ में ईश्वर का सामीप्य लाभ करके वहाँ भी भक्ति की साधना करते रहते हैं।
Sanskriti Ke Chaar Adhyay (Hindi)
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