कुछ थोड़े–से मुसलमान शायरों और शाहजादों ने हिन्दी में से हिन्दवीपन और हिन्दी के शब्द निकाल–निकालकर अरबी–फारसी के तत्सम और अप्रचलित शब्दों की भरमार कर एक नई बनावटी जबान उर्दू बना ली।’’13 उर्दू का जन्म खड़ीबोली में से संस्कृत और हिन्दी के शब्दों को निकालकर हुआ।