Ankit Mehra

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न पीछे का हिसाब रखना; क्योंकि उस हिसाब में तुम्हारी बुद्धि भर गई, तो जो अभी मिल रहा था, उससे चूक जाओगे। न आगे की चिंता करना; क्योंकि जिसने आज दिया है, वह कल भी देगा; जिसने आज दिया है, वह कल क्यों न देगा? कल की भी फिक्र मत करना। बीते कल को भी जाने दो; आने वाले कल को भी मत सोचो; आज काफी है। और अगर तुम्हारे मन में यह भाव गहन हो जाए: आज काफी है, यह क्षण पर्याप्त है; तो यही क्षण भजन का हो गया।
भज गोविंदम मूढ़मते – Bhaj Govindam Mudhmate (Hindi Edition)
by Osho
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