Neha Sharma

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जो छल-प्रपंच, सबको प्रश्रय देते हैं, या चाटुकार जन से सेवा लेते हैं; यह पाप उन्हीं का हमको मार गया है, भारत अपने घर में ही हार गया है।
परशुराम की प्रतीक्षा
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