Neha Sharma

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जब-जब उठा सवाल, सोचने से क़तराकर पड़ा रहा काहिल तू इस बोदी आशा में, कौन करे चिन्तन? खरोंच मन पर पड़ती है। जब दस-बीस जवाब दुकानों में उतरेंगे, हम भी लेंगे उठा एक अपनी पसन्द का।
परशुराम की प्रतीक्षा
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