Neha Sharma

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कुत्सित कलंक का बोध नहीं छोड़ेंगे, हम बिना लिये प्रतिशोध नहीं छोड़ेंगे, अरि का विरोध-अवरोध नहीं छोड़ेंगे, जब तक जीवित हैं, क्रोध नहीं छोड़ेंगे।
परशुराम की प्रतीक्षा
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