Abhijeet Gaurav

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विजयी अगर स्वदेश, प्रिया-प्रियतम का फिर नाता है। विजयी अगर स्वदेश, पुरुष फिर पुत्र, त्रिया माता है।
परशुराम की प्रतीक्षा
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