Abhijeet Gaurav

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दोषी केवल वही नहीं, जो नयनहीन था, उसका भी है पाप, आँख थी जिसे, किन्तु, जो बड़ी-बड़ी घड़ियों में मौन, तटस्थ रहा है।
परशुराम की प्रतीक्षा
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