Abhijeet Gaurav

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मत टिको मदिर, मधुमयी, शान्त छाया में, भूलो मत उज्ज्वल ध्येय मोह-माया में। लौलुप्य-लालसा जहाँ, वहीं पर क्षय है; आनन्द नहीं, जीवन का लक्ष्य विजय है।
परशुराम की प्रतीक्षा
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