“नारियल के पेड़ों की छाँव बेचनेवालो, बरगदों को मत काटो पीपलों को मत छेड़ो इमलियों को जीने दो इनकी पत्ती-पत्ती पर धूप पर सुखाती है इनकी पत्ती-पत्ती पर सुबह अपनी उँगली से अपने नाम लिखती है…
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