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Kindle Notes & Highlights
तेरे आने की खुशी है ऐसी हम तेरे जाने का ग़म भूल गए।
सत्ता का अपना एक नशा होता है और अपनी ज़ात भी। जो भी उस तक पहुँचता है उसकी ज़ात का ही हो जाता है।
ताकतवरों के ऐब नहीं होते, उनके शौक होते हैं। अवाम जिसे गुनाह समझती है वो तो इनके शौक हुआ करते हैं।
शाम ढलने लगती है तो साए लम्बे होते जाते हैं और साए जब कद से ज़्यादा लम्बे हो जाते हैं तो सूरज डूब जाता है।
“सियासत का एक उसूल यह भी है कि किसी से इतनी दूर भी न जाओ कि वक़्त पड़ने पर पास न आ सको।”
राजनीति की दोस्ती और दुश्मनी दोनों का ही कुछ ठिकाना नहीं होता। कब कौन किसका दुश्मन हो जाए, फिर किसकी दुश्मनी कब किसको किसका दोस्त बना जाए।
इंसान का दिल सचमुच मोम की तरह ही होता है, वक़्त की गर्मी के साथ सब कुछ पिघल जाता है।