Koustubh

42%
Flag icon
हथियारों के ढेरों पर जिनका है डेरा, मुँह में शांति, बगल में बम, धोखे का फेरा, कफन बेचनेवालों से कह दो चिल्लाकर, दुनिया जान गई है उनका असली चेहरा, कामयाब हो उनकी चालें, ढंग न होने देंगे। जंग न होने देंगे। हमें चाहिए शांति, जिंदगी हमको प्यारी, हमें चाहिए शांति, सृजन की है तैयारी, हमने छेड़ी जंग भूख से, बीमारी से, आगे आकर हाथ बँटाए दुनिया सारी। हरी-भरी धरती को खूनी रंग न लेने देंगे। जंग न होने देंगे।
चुनी हुई कविताएँ
Rate this book
Clear rating