Nilesh Injulkar

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नेकी इक दिन काम आती है हमको क्या समझाते हो हमने बेबस मरते देखे कैसे प्यारे-प्यारे लोग इस नगरी में क्यों मिलती है रोटी सपनों के बदले जिनकी नगरी है वो जानें हम ठहरे बँजारे लोग
Tarkash (Hindi)
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