Vijay Anand Tripathi

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युद्ध को तुम निन्द्य कहते हो, मगर, जब तलक हैं उठ रहीं चिनगारियाँ भिन्न स्वार्थों के कुलिश-संघर्ष की, युद्ध तब तक विश्व में अनिवार्य है।
कुरुक्षेत्र
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