Ashutosh Parauha

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“मतिभ्रष्ट मानवों के शोध का उपाय एक शस्त्र ही है?” पूछा था कोमलमना वाम ने। नहीं प्रिये, सुधर मनुष्य सकता है तप, त्याग से भी,” उत्तर दिया था घनश्याम ने, “तप का परन्तु, वश चलता नहीं सदैव पतित समूह की कुवृत्तियों के सामने।”
कुरुक्षेत्र
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