माता वैष्णो देवी तीर्थस्थान के प्रबंधकों का कहना है कि वहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटती जा रही है. 70 और 80 के दशकों में माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी होती थी कि गुफा का द्वार छोटा पड़ने लगा था.
अब परिस्थितियां बदल गयी हैं. पिछले कुछ वर्षों में आई प्राकृतिक आपदाओं की वजह से बहुत कम श्रद्धालु तीर्थ स्थानों पर जाने का साहस कर पाते हैं. बद्रीनाथ - अमरनाथ की यात्राएं सुविधाओं और सुरक्षा प्रबंधों में कमियों के कारण कष्टप्रद सिद्ध हो रही हैं.
दूसरी तरफ शिर्डी के साईं बाबा के पास दिन-प्रतिदिन भीड़ बढ़ रही है. परन्तु आलोचक महापंडित ये जानना चाहते हैं कि साईं बाबा कौनसे समाज के थे. और संघ के प्रधान सचिव का कहना कि 2019 तक राम मंदिर बनाने का बहुत अच्छा सुअवसर है.
इस तरह की बयानबाज़ी से तीर्थ स्थानों का महत्व घटता है. भक्तों के लिए तीर्थ स्थानों तक पहुँचने के साधन और वहां पर उनकी सुविधाओं के लिए प्रयास किये जाने चाहिए. भक्तों की सुरक्षा का भी पूरा प्रबंध होना चाहिए.
Published on October 20, 2014 05:31